Thursday, 11 June 2015

अच्छे दिन’ केवल बीजेपी के लिए


पहले साल के पूरा होने पर लोगों को अहसास हो गया कि ‘अच्छे दिन’ केवल मोदी और भाजपा के लिए हैं। इसमें देश के बारे में कभी नहीं सोचा गया। मोदी सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ केवल झूठ बोलकर सत्ता में आए हैं और अब वह इन्हीं झूठ के बलबूते आगे बढ़ना चाहते हैं। यह जनादेश ‘‘अनिश्चितकालीन’’ नहीं है। इसका निश्चित कार्यकाल है और समय बहुत तेजी से बीत रहा है।  इस सरकार की सबसे ‘‘बड़ी विफलता’’ यह रही कि इसके अधिकतर पद संभवत: सभी मंत्रालयों पर पीएमओ के अत्यधिक नियंत्रण के कारण अनिश्चितकाल के लिए खाली हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने  आरोप लगाया है कि वह अपने नेताओं को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए भय और दबाव का माहौल बनाने की अनुमति देकर खतरनाक दोहरा खेल खेल रही है। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी को अपने से अच्छा ‘सेल्समैन व ईवेंट मैनेजर’ बताया।  सोनिया गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे भूमि विधेयक और खाद्य सुरक्षा कानून पर सरकार के कदमों का मजबूती से विरोध करें। एक तरफ प्रधानमंत्री खुद को सुशासन और संवैधानिक मूल्यों के बड़े पैरोकार के रूप में पेश करना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ वह अपने कई सहकर्मियों को घृणास्पद बयानों और सांप्रदायिक धु्रवीकरण करने की अनुमति देते हैं। यह पहले ही हमारे धर्मनिरपेक्ष ताने बाने को नष्ट कर चुका है। डर और दबाव का माहौल जानबूझकर उत्पन्न किया गया है। सरकार की वास्तविकता और शैली दोनों बड़ी चिंता का कारण है। नई सरकार ने एक साल से कुछ समय पहले ही केंद्र की कमान संभाली है। इसकी वास्तविकता और शैली-दोनों सभी को प्रत्यक्ष हैं। दोनों बड़ी चिंता का कारण हैं। उनसे कई परेशान करने वाले सवाल खड़े होते हैं। इन सबसे हमें ठहरना, सोचना और उचित जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह चिंताजनक है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत कवरेज को 67 फीसद से घटाकर 40 फीसद किया जाना प्रस्तावित है और एमएसपी सहित खाद्य खरीद की समूची प्रणाली खतरे में है । कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी के मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे अपने राज्यों के हित के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करें, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि जब यह जनहित के खिलाफ काम करे तो वे आंदोलन करें। उन्होंने सहयोग व आम सहमति के लिए उपकारी माहौल उत्पन्न करने की जिम्मदारी केंद्र पर डाली।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी के बारे में कहा कि वह मुझसे अच्छे सेल्समैन, इवेंट प्रबंधक और संवाद करने वाले हैं। अपर्याप्त संवाद के कारण यूपीए की कहानी खत्म नहीं होनी चाहिए।  मैं चिंतित हूं कि योजना आयोग को जिसने कमजोर राज्यों और निर्धन क्षेत्रों की मदद की, जल्दबाजी में समाप्त कर दिया गया है। हमने जीएसटी को वास्तविकता में बदलने के लिए हर प्रयास किया लेकिन हमारे खिलाफ विध्नकारी भाजपा थी। अब, भाजपा जीएसटी की सबसे बड़ी हिमायती बन गई है। नई जीडीपी संख्याओं की वैधता को लेकर संदेह व्यक्त किए गए हैंं। कुछ हद तक उत्साह है कि 2014-15 से हमारी जीडीपी वृद्धि में एक बार फिर तेजी आने लगी है। नई जीडीपी संख्याओं की वैधता को लेकर सरकार के अंदर और बाहर दोनों स्थानों पर संदेह व्यक्त किए गए हैं।

No comments:

Post a Comment