Sunday, 28 September 2014

सुनें दिल की आवाज



हर साल विश्व हृदय दिवस के बहाने पूरे विश्व के लोगों में इसके बारे में जागरूकता फैलाई जाती है। अपने देश में तो अब कम उम्र के लोग भी इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। इस बीमारी की सबसे बड़ी वजहों में से एक है तनाव। तनाव दिल का सबसे बड़ा दुश्मन है है। आज की भागदौड़ वाली जीवनशैली में लोगों में तनाव कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। इसलिए इस बीमारी से पूरी तरह बचना तो मुश्किल है लेकिन जहां तक संभव हो इससे दूरी बनाए रखें। ऐसे में इस बात की जरूरत है कि हम अपने दिल की आवाज सुनें,दिल को दुरुस्त रखने के लिए तनाव दूर भगाएं। तनाव के कारण मस्तिष्क से जो रसायन स्रावित होते हैं वे हृदय की पूरी प्रणाली खराब कर देते हैं। तनाव से उबरने के लिए योग का भी सहारा लिया जा सकता है। हृदय हमारे शरीर का ऐसा अंग है जो लगातार पंप करता है और पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को संचालित करता है। हृदय संचार प्रणाली के मध्य में होता है और धमनियों और नसों जैसी रक्त वाहिनियां अशुद्ध रक्त को शरीर के हर भाग से हृदय तक ले जाती हैं और शुद्ध रक्त को हृदय से शरीर के हर भाग तक पहुंचाती हैं।
हृदय रोगियों का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ता जा रहा है। अनियमित दिनचर्या और दौड़ती जिंदगी में बेतहाशा तनाव से बुढ़ापे में मिलने वाला दिल का रोग अब जवानी में मिल रहा है। अगले कुछ महीनों में तापमान गिरने के साथ हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी होगी। जीएमसी में ही रोजाना सामान्य में 5-10 हार्ट अटैक के मामले पहुंच रहे हैं। उस पर दूरवर्ती और पहाड़ी क्षेत्रों में कार्डियो विशेषज्ञों के न होने से हार्ट अटैक के मामले में जान बचाना राम भरोसे ही रहता है। हृदय रोगियों के लिए अब आगामी सर्दी का मौसम खतरनाक रहेगा। संभाग के पहाड़ी, दूरवर्ती और शहरी इलाकों के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। ठंड के दौरान शारीरिक गतिविधियां कम होने से खून में कंपोनेंट आपस में जुड़कर सीधे दिल पर हमला करते हैं। इससे खून की सप्लाई प्रभावित होने से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। मोटापा, तनाव, ब्लड प्रेशर भी हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार है।
दुनियाभर में हर साल होने वाली 29 प्रतिशत मौतों की एक प्रमुख वजह दिल की बीमारियां और दिल के दौरे हैं। दिल की बीमारियों और दिल के दौरे से हर साल 1.71 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। आम लोगों को इन बीमारियों व दिल के स्वास्थ्य का खास ख्याल रखने के प्रति जागरुक करने के मकसद से साल 2000 में विश्व हृदय दिवस मनाने की शुरुआत की गई। अब तक सितम्बर के अंतिम रविवार को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता रहा है लेकिन इस साल से इसे 29 सितम्बर के दिन मनाया जाएगा। इस साल विश्व हृदय दिवस को मनाते हुए 11 साल पूरे हो जाएंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की भागीदारी से स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन हर साल विश्व हृदय दिवस मनाता है। इस साल यह दिवस ‘वन वर्ल्ड, वन होम, वन हार्ट’ विषय के अंतर्गत मनाया जा रहा है।

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