पटना गांधी मैदान में, रावणवध कार्यक्रम के बाद लौटती भीड़ में हुई भगदड़ में अनेक लोगों की हुई मौत से मुझे गहरा आघात लगा। यह अत्यंत दुखद और मार्मिक घटना है। प्रभावित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत-मुआवजा मिले ही, साथ ही घायलों की समुचित चिकित्सा व्यवस्था की जाए। गौरतलब है पटना स्थित बड़े गांधी मैदान में करीब 5 लाख से अधिक लोग लंका दहन देखने पहुंचे थे। मरने वाले में अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। मौके ए वारदात में अफरा-तफरी और भगदड़ को देखते हुए कहा जा सकता है कि मरने वालों की संख्या में इजाफा भी हो सकते है, क्योंकि इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किए गए कई लोग गंभीर हालत में हो सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक बिहार सरकार ने भगदड़ में मारे गए लोगों को 3-3 लाख रुपए बतौर मुआवजा देने की घोषणा की है। मीडिया रिपोर्ट है कि हादसे में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बिहार सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिसे डायल करके लोग जानने वालों का कुशल-क्षेम पूछ सकते है। 0612-2219810 पर फोन करे अथवा जरूरंतमंदों को शेयर करें
इस बार विजयादशमी का त्योहार बिहार की राजधानी के बुरी खबर लेकर आया। पटना के गांधी मैदान पर रावण दहन के लिए जुटी लाखों की भीड़ को पता भी नहीं रहा होगा कि आने वाला पल उनके लिए जिंदगी भर का दर्द लेकर आएगा। रावण दहन के बाद लौट रही भीड़ एक अफवाह के बाद भगदड़ का शिकार हो गई। भगदड़ मचने से हुए हादसे में 34 लोगों की जान चली गई। जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।
घायलों को पटना के पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के बाहर घायलों के परिजन अपनों की तलाश में भारी संख्या में जुट गए। चारों तरफ अफरातफरी का माहौल था। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि किससे पूछे, कहां जाएं, परिजनों को अस्पताल के भीरत जाने भी नहीं दिया जा रहा था। जिसे लेकर उनकी कई बार पुलिस से झड़प भी हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बिजली का तार मैदान में गिरने की अफवाह फैलने के बाद भगदड़ मची। हालांकि भगदड़ के कारण को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। हादसे के बाद घटनास्थल का दृश्य बेहद भयावह था। घटनास्थल पर वहां से भागने का प्रयास कर रहे लोगों के जूते चप्पल करीब एक किलोमीटर तक के रास्ते में बिखरे पड़े थे। सुरक्षा बलों ने पीएमसीएच की घेराबंदी कर दी थी। सैंकड़ों लोग पीएमसीएच के चारों ओर बदहवास घूम रहे थे। इनमें से कुछ दहाड़ें मार-मारकर रो रहे थे, तो कुछ अपने लापता परिजनों को तलाशने में जुटे थे। भगदड़ के शिकार लोगों को लेकर कई एम्बुलेंस पीएमसीएच की ओर आ जा रही थीं।
वहीं रावण दहन के वक्त समारोह में मौजूद रहे बिहार के सीएम जितनराम मांझी हादसे के बाद गायब दिखे। यही नहीं बिहार सरकार का कोई मंत्री तक घटना के बाद नहीं दिखा। हालांकि देर रात सीएम मांझी घायलों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे। पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया और फोन पर सीएम जीतन मांझी से बात की। केंद्र सरकार की तरफ से हादसे में मारे गए लोगों के लिए 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया। जबकि बिहार सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों को तीन लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है।
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