मौजूदा समय में दिल्ली के फुटकर बाजार में सब्जियां 2 गुनी तक महंगी बिक रही हैं। फलों के दाम में भी 60-70 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। चूंकि बारिश की आशंका अब भी बनी हुई है इसलिए सब्जियों के महंगे जायके के फिलहाल सस्ता होने के आसार नहीं हैं। पानी की कीमतें बढ़ाने का फैसला ठीक ऐसे समय किया गया है जब गर्मी शुरू होने वाली है। पानी की किल्लत सबसे ज्यादा इसी मौसम में महसूस की जाती है। शहर की सैकड़ों अनधिकृत कॉलोनियों में आज भी जल बोर्ड का पानी चार-पांच दिन के अंतराल पर टैंकरों से पहुंचता है। सत्ता में आने के बाद दिल्ली सरकार ने पेयजल के नेटवर्क को दुरुस्त करने की कोई ऐसी बड़ी कवायद भी नहीं की है जिसके दम पर उसके द्वारा कीमतों में बढ़ोतरी के निर्णय के औचित्य को सही करार दिया जा सके। यह उम्मीद करना भी बेमानी है कि इन गर्मियों में शहर के हर घर को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। राजधानी में पेयजल की किल्लत के मद्देनजर इसकी बचत की दलीलें भी लगातार दी जाती रही हैं। इतना ही नहीं, यह बात पहले भी कही जाती रही कि ज्यादा पानी की खपत करने वालों से ज्यादा शुल्क वसूला जाए और कम खर्च करने वालों से कम शुल्क लिया जाए। लेकिन अब दिल्ली की हालत यह है कि एक ओर वे उपभोक्ता हैं जिन्हें पेयजल के बदले कोई कीमत नहीं चुकानी होगी और दूसरी ओर लाखों ऐसे उपभोक्ता हैं जिन्हें पानी के लिए अब पहले से भी ज्यादा रकम चुकानी होगी। यह स्थिति चिंतित करने वाली है।
दरअसल, मार्च के महीने में लगातार हो रही बारिश से सब्जियां खेतों में बर्बाद पड़ी हैं। बची-खुची सब्जियों को मार्केट तक पहुंचाने में भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। दिल्ली की बड़ी सब्जी मंडियों में सब्जियों की आवक में 65 फीसदी तक की कमी आई है। आम दिनों में ओखला मंडी में हर दिन 150 ट्रक तक आते थे, लेकिन बीच में ये आंकड़ा 15-20 ट्रक तक गिर गया। अब भी 35-40 ट्रक ही मंडी में आ रहे हैं। जो मांग और आपूर्ति में बड़े अंतर को दर्शाने के लिए काफी हैं। कुछ ऐसे ही हालात दिल्ली में सब्जियों की सबसे बड़ी मंडी आजादपुर सब्जी मंडी की है।
ओखला मंडी में सब्जियों के बड़े कारोबारी नवनीत सैनी बताते हैं कि बारिश से काफी फर्क पड़ा है। दिल्ली के आसपास के 200-300 किमी के दायरे से जो सब्जियां यहां आती थीं, वो लगभग 60-70% नष्ट हो चुकी हैं। बाहर से आने वाली सब्जियों के भाव बढ़ चले हैं। जौहरी लाल पवन कुमार नाम से फर्म चलाने वाले नवनीत सैनी ने कहा कि बारिश की वजह से हरी सब्जियां लगभग 1 माह तक लेट हो चुकी हैं। आलू-प्याज जैसी सब्जियों के दाम स्थिर हैं, लेकिन पालक, भिंडी, मटर जैसी हरी सब्जियां लगभग दो गुनी महंगी हो चली हैं।
दिल्ली में पानी की कीमतों में दस फीसद की वृद्धि किए जाने के फैसले से इस महानगर के लाखों लोगों पर महंगाई की मार पड़ेगी। यह सही है कि प्रतिमाह 20 हजार लीटर तक पानी खर्च करने वाले उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि के दायरे से बाहर रहेंगे, इसके बावजूद बारह लाख से अधिक उपभोक्ताओं के पानी के बिल में बढ़ोतरी तय है। दिल्ली जल बोर्ड ने पानी की कीमतें कोई पहली बार नहीं बढ़ाई हैं। इससे पहले भी कीमतों में इजाफा हुआ है, लेकिन सूबे में आम आदमी पार्टी की हुकूमत कायम होने के बाद बोर्ड का फैसला चौंकाने वाला है। सस्ती बिजली और मुफ्त पानी देने का वादा कर दिल्ली के मतदाताओं के समक्ष गई आम आदमी पार्टी से तमाम लोगों ने यह आस लगाई थी कि उन्हें पानी नि:शुल्क मिलेगा। ठीक है कि सरकार ने 20 हजार लीटर तक खर्च करने वालों पर ही मेहरबानी दिखाई। उनको ही मुफ्त पानी देने का फैसला किया गया, लेकिन उससे अधिक पानी की खपत करने वालों ने भी कम से कम यह उम्मीद तो नहीं ही की होगी कि उन्हें मुफ्त की जगह पहले से भी ज्यादा महंगा पानी दिया जाएगा।
दरअसल, मार्च के महीने में लगातार हो रही बारिश से सब्जियां खेतों में बर्बाद पड़ी हैं। बची-खुची सब्जियों को मार्केट तक पहुंचाने में भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। दिल्ली की बड़ी सब्जी मंडियों में सब्जियों की आवक में 65 फीसदी तक की कमी आई है। आम दिनों में ओखला मंडी में हर दिन 150 ट्रक तक आते थे, लेकिन बीच में ये आंकड़ा 15-20 ट्रक तक गिर गया। अब भी 35-40 ट्रक ही मंडी में आ रहे हैं। जो मांग और आपूर्ति में बड़े अंतर को दर्शाने के लिए काफी हैं। कुछ ऐसे ही हालात दिल्ली में सब्जियों की सबसे बड़ी मंडी आजादपुर सब्जी मंडी की है।
ओखला मंडी में सब्जियों के बड़े कारोबारी नवनीत सैनी बताते हैं कि बारिश से काफी फर्क पड़ा है। दिल्ली के आसपास के 200-300 किमी के दायरे से जो सब्जियां यहां आती थीं, वो लगभग 60-70% नष्ट हो चुकी हैं। बाहर से आने वाली सब्जियों के भाव बढ़ चले हैं। जौहरी लाल पवन कुमार नाम से फर्म चलाने वाले नवनीत सैनी ने कहा कि बारिश की वजह से हरी सब्जियां लगभग 1 माह तक लेट हो चुकी हैं। आलू-प्याज जैसी सब्जियों के दाम स्थिर हैं, लेकिन पालक, भिंडी, मटर जैसी हरी सब्जियां लगभग दो गुनी महंगी हो चली हैं।
दिल्ली में पानी की कीमतों में दस फीसद की वृद्धि किए जाने के फैसले से इस महानगर के लाखों लोगों पर महंगाई की मार पड़ेगी। यह सही है कि प्रतिमाह 20 हजार लीटर तक पानी खर्च करने वाले उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि के दायरे से बाहर रहेंगे, इसके बावजूद बारह लाख से अधिक उपभोक्ताओं के पानी के बिल में बढ़ोतरी तय है। दिल्ली जल बोर्ड ने पानी की कीमतें कोई पहली बार नहीं बढ़ाई हैं। इससे पहले भी कीमतों में इजाफा हुआ है, लेकिन सूबे में आम आदमी पार्टी की हुकूमत कायम होने के बाद बोर्ड का फैसला चौंकाने वाला है। सस्ती बिजली और मुफ्त पानी देने का वादा कर दिल्ली के मतदाताओं के समक्ष गई आम आदमी पार्टी से तमाम लोगों ने यह आस लगाई थी कि उन्हें पानी नि:शुल्क मिलेगा। ठीक है कि सरकार ने 20 हजार लीटर तक खर्च करने वालों पर ही मेहरबानी दिखाई। उनको ही मुफ्त पानी देने का फैसला किया गया, लेकिन उससे अधिक पानी की खपत करने वालों ने भी कम से कम यह उम्मीद तो नहीं ही की होगी कि उन्हें मुफ्त की जगह पहले से भी ज्यादा महंगा पानी दिया जाएगा।
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