Wednesday, 18 December 2013

10 साल के काम की हो तारीफ



बेशक यह कहा जाए कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कमर कसते हुए पिछले दस सालों में अपनी सरकार के काम का बखान किया है। लेकिन सच तो यह है कि कांग्रेस हमेशा से आम आदमी और देशहित के लिए काम किया है। कांग्रेस ने संसदीय दल की बैठक में एक बुकलेट जारी की है। इस बुकलेट में कांग्रेस सरकार के कामकाज का ब्यौरा है। इस मौके पर सोनिया गांधी ने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव नतीजों से निराश होने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस को विधानसभा के चुनाव में सामने आए इन नतीजों से उबरना होगा। यह भी चिंता का विषय है कि संसद में महिला आरक्षण बिल पास नहीं हो सका, लेकिन लोकपाल बिल पास होने पर हमें खुशी है।
अपने दस साल के रिपोर्ट कार्ड में कांग्रेस ने कहा कि पिछले 10 साल में सरकार के काम की तारीफ करनी चाहिए। कांग्रेस के शासन में मनरेगा और खाद्य सुरक्षा जैसी योजनाएं लागू हुईं। कांग्रेस के शासन में गरीबी घटी है। सरकार ने किसानों के हित में काम किया। शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार पर सरकार ने जोर दिया। कांग्रेस कार्यकाल में साक्षरता दर बढ़कर 74% हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यहां कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की बैठक में कहा कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की पराजय के लिए अनेक कारण हैं। यह जाहिर है कि हम जनता को अपनी नीतियों कार्यक्रमों और उपलब्धियों के बारे में बताने में सफल नहीं हो पाए। ऐसा लगता है कि हम उनकी आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि हमें मायूस नहीं होना चाहिए, हमारे सामने एक और संग्राम है, मई 2014 में, जिसके लिए हमें अपने आप को तैयार करना होगा। कांग्रेस पार्टी ने अनेक चुनाव जीते हैं और हारे हैं। जीत हो या हार, हमें यह याद रखना चाहिए कि जनता की सेवा करना हमारा सर्वोपरि दायित्व है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा हमें उन लोगों के खिलाफ बोलते समय डरना नहीं चाहिए जो केवल संकीर्ण एवं विनाशकारी विकल्प पेश करते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष ने प्रधानमंत्री सहित कांग्रेस और सरकार पर निंदात्मक और पूरी तरह से निराधार व्यक्तिगत हमले करने के लिए अपना ज्यादातर समय और उर्जा का इस्तेमाल किया। इस मौके पर पार्टी ने अपने सांसदों को एक पुस्तिका भी वितरित की, जिनमें संप्रग सरकार की उपलब्धियां गिनाई गयी हैं तथा सांसदों से इन उपलब्धियों का और ज्यादा कारगर तरीके से मतदाताओं के बीच प्रचार करने को कहा गया है।
इस दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंहगाई नहीं रोक पाने को अपनी सरकार की एक कमजोरी माना है। उन्होंने कहा कि कि मुद्रास्फीति नियंत्रित रखने में राज्यों की भी अहम भूमिका है और उनका अधिक से अधिक सहयोग लेने की जरुरत है। कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि मुद्रास्फीति हमारी एक कमजोरी रही है और इसके लिए हमारी आलोचना भी हुई है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा बहुत जटिल है जिस पर सरकार की आलोचना करना तो आसान है, लेकिन उसे समझना और उससे निपटना बहुत कठिन है। मनमोहन सिंह ने महंगाई से जुड़े विभिन्न पहलुओं की चर्चा करते हुए कहा कि इसे लेकर चिंतित होना लाजिमी है, लेकिन इस बात पर भी गौर करना होगा कि लोगों की आमदनी मुद्रास्फीति की दर से अधिक तेजी से बढ़ी है। इसी वजह से प्रति व्यक्ति खपत और वास्तविक वेतन में बढोतरी हुई है। अपने भाषण में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि हाल के विधानसभा चुनाव के नतीजे बेहद निराशाजनक हैं, लेकिन हमें वर्ष 2014 में होने जा रहे आम चुनाव को लेकर हताश नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन ने यह भी कहा कि कांग्रेस ऐसे वायदे नहीं करती जो पूरे ना हो सके। हमने अगले 20 साल का एजेंडा सेट किया है। हमने अपने कार्यकाल में गंभीर समस्याओं को सुलझाया है। हम अब भी कई गंभीर समस्याएं झेल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम निश्चितरूप से इस बात के संकेत नहीं हैं कि कुछ महीनों के बाद हो होने जा रहे आम चुनावों में क्या होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले साल होने वाले आम चुनाव राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर लड़े जायेंगे। इनमें से कुछ मुद्दे विधानसभा चुनावों में भी रहे होंगे, लेकिन मई में होने वाले चुनावों में इस बात को लेकर हमारा आकलन होगा कि राष्ट्रीय मुद्दों पर हमारी कैसी प्रतिक्रिया रही है।

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