Sunday, 13 October 2013

सलाम मौसम विभाग

सलाम मौसम विभाग,चक्रवात और समुद्र विशेषज्ञ वैज्ञानिकों, NDMA, ओडिशा, आंध्र और केंद्र सरकार... साइक्लोन फाइलिन से निपटना इतना भी आसान न था. 10 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाल लेना, पल पल की खबर रखना हम सब आपके शुक्रगुजार हैं. बंगाल की खाड़ी से उठा भयानक चक्रवाती तूफान पाइलीन का बड़ा खतरा टल गया है। कल रात नौ बजे ओडिशा के तट पर पायलीन ने दस्तक दी। उसके बाद से तूफान की रफ्तार कम हो रही है। ओडिशा के गोपालपुर में सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा था। उससे खतरा टल गया है। पाइलिन तूफान का केंद्र रहे गोपालपुर से तूफान 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजर गया है। और अब तूफान ओडिसा के उत्तर-उत्तर-पश्चिम इलाके की तरफ बढ़ गया है। यानी जिस इलाके पर सबसे ज्यादा बुरा असर या यूं कहें कि तबाही आने वाली थी, उससे खतरा गुजर गया है।
हालांकि अभी नुकसान का ठीक-ठीक आकलन नहीं किया जा सका है, लेकिन जिस तरह से तूफान की रफ्तार घटकर 100 किमी प्रति घंटा रह गई है, उससे अब नुकसान कम होने की संभावना है। गोपालपुर में पाइलिन तूफान की वजह से कच्चे घरों और पुरानी इमारतों को ही नुकसान पहुंचा है। ओडिशा के 12 जिलों में बत्ती गुल है। अभी तक ज्यादा जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
गौरतलब है कि बंगाल की खाड़ी से उठा भयानक चक्रवाती तूफान फेलिन शनिवार को देर शाम नौ बजे के लगभग ओडिशा के तटवर्ती गोपालपुर से टकराया। इस दौरान हवा की गति 200 किलोमीटर प्रतिघंटा बनी हुई थी। ओडिशा-आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों में बारिश जारी है। ओडिशा में इस तूफान से 7 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाओं से ये जानें गईं। पाइलीन ओडिशा के गोपालपुर इलाके के तट से सबसे पहले टकराया और यहां भारी तबाही की आशंका जताई जा रही है।
ओड़िशा में आया चक्रवाती तूफान फैलिन का असर झारखंड में भी दिखने लगा है. झारखण्ड के कई इलाकों में भारी बारिश के साथ तेज हवा भी चल रहा है. रात से ही कई इलाकों में बारिश हो रही है. राजधानी रांची  में दुर्गा पूजा पंडाल के मुख्य द्वार गिर गये हैं. शहर के कई मुख्य सड़के बाधित हो गयी है.  झारखण्ड में कई इलाके है जहा इस तूफान का असर अधिक देखने को मिल रहा है, जैसे: रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला, धनबाद, जामताड़ा, बोकारो, लातेहार, पलामू. कई इलाकों में रात से ही बिजली गुल है.ओडिशा और आंध्रप्रदेश के तटीय इलाके में कल आए शक्तिशाली तूफान ‘फैलिन’ की तीव्रता कम होने का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार ( एनडीएमए ) के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने कहा है कि सटीक पूर्वानुमानों के कारण राहत कार्य में काफी मदद मिली है और तूफान के कारण आगे चलकर छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल एवं पूर्वाचल में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.
  रेड्डी ने कहा, ‘‘चक्रवात अभी फूलबनी में केंद्रित है. स्थानीय तौर पर ओडिशा के तूफान प्रभावित क्षेत्र में इसकी रफ्तार अभी 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा है. हालांकि इसकी तीव्रता पहले से कम हुई है. पहले अनुमान था कि इसके कारण 20 से 25 सेंटीमीटर बारिश होगी लेकिन अब 10 से 15 सेंटीमीटर बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है.’’     उन्होंने कहा कि इससे नुकसान कम होने का अनुमान है, जो थोड़ी राहत की बात है. उन्होंने कहा, ‘‘आगे चलकर इसके कारण छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पूर्वाचंल के इलाकों और पश्चिम बंगाल में भारी से अत्याधिक बारिश हो सकती है. हम सभी राज्यों के सम्पर्क में है और जरुरत पड़ने पर वहां टीम भेजी जायेगी.’’      एनडीएमए के उपाध्यक्ष ने कहा कि चक्रवात का केंद्र रहे गोपालपुर में पहले ही 90 से 95 प्रतिशत लोगों को निकाल लिया गया था. ‘‘यह हमारे लिये चुनौती थी, जिसमें हमें काफी सफलता मिली है.’’ यह पूछे जाने पर कि उत्तराखंड त्रसदी के समय एनडीएमए ने आपदा से निपटने एवं कार्रवाई के संदर्भ में एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने की पहल की थी, रेड्डी ने कहा, ‘‘इस पर काफी काम किया गया है. हर मंत्रालय  और एजेंसी से बात की गई है और उनसे कार्ययोजना एवं सुझाव प्राप्त किये गए हैं.’’

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