Sunday, 27 July 2014

उत्तराखंड ने दिखाया कांग्रेस का दम



जो लोग कांग्रेस को चुका हुआ मान रहे थे, उन लोगों के लिए उत्तराखंड में हुए उपचुनाव एक जवाब है। उपचुनाव में सौ फीसदी परिणाम कांग्रेस के हिस्से में आई। इसके लिए मुख्यमंत्री हरीष रावत की कार्यप्रणाली और प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष किषोर उपाध्याय की संगठनात्मक क्षमता पर जनता ने भरोसा जताया। दो महीना पहले ही जिस उत्तराखंड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर में एकतरफा मतदान करते हुए पांचों लोकसभा सीट भाजपा को सौंप दी थीं, विधानसभा उपचुनाव में उसे जमीन चटा दी। बामुश्किल 60 दिन में जनता के मिजाज में आए इस बदलाव ने साबित कर दिया कि राज्य से मोदी की लहर छूमंतर हो गई है। दिलचस्प बात यह रही कि हाल में हुए लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के चलते प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटें गंवाने वाली कांग्रेस ने धारचूला के अलावा अन्य दोनों विधानसभा सीटें भाजपा के कब्जे से छीनी हैं।
असल में, उत्तराखंड की तीन विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों के नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी को करारा झटका दिया है और कांग्रेस को राहत दी है। धारचूला से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जहां जीत दर्ज की, वहीं डोईवाला से हीरा सिंह बिष्ट और सोमश्वर से रेखा आर्या ने जीत हासिल कर केंद्र की सत्ता में आई भाजपा का यहां कहीं खाता तक नहीं खुलने दिया। लोकसभा चुनाव के ट्रेंड को आम तौर पर विधानसभा उप चुनाव के नतीजों से नहीं जोड़ा जाता लेकिन धारचूला, सोमेश्वर और डोईवाला विधानसभा उपचुनाव के नतीजे यह साफ साफ बता रहे हैं कि राज्य में अब मोदी की लहर और भाजपा का तिलिस्म उतार पर है। लोकसभा चुनाव में चुनावी सभाओं से लेकर भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र तक में उत्तराखंड को खासी तरजीह दी गई थी। उत्तराखंड को लेकर नरेन्द्र मोदी के विशेष लगाव को प्रचारित किया गया। लेकिन केन्द्र में सरकार बनाने के बाद भाजपा ने उत्तराखंड को लेकर कोई संवेदनशीलता नहीं दिखायी।
बीजेपी के रमेश पोखरियाल निशंक और अजय टम्टा के सांसद बनने से डोईवाला और सोमेश्वर विधानसभा सीट खाली हुई थी। जबकि धारचूला से कांग्रेसी विधायक हरीश धामी ने सीएम रावत के लिए सीट छोड़ी थी। उपचुनाव के नतीजों से बीजेपी खेमे में मातम छाया है। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव त्रिवेन्द्र रावत भी डोईवाला से अपनी सीट नहीं बचा पाए। जबकि धारचूला से मुख्यमंत्री रावत ने बीजेपी के बी. डी. जोशी का हराया। रिजर्व सीट सोमेश्वर पर कांग्रेस की रेखा आर्या ने बीजेपी के मोहन राम आर्या को मात दी है। धारचूला कांग्रेस की सीट थी लेकिन डोइवाला और सोमेश्वर बीजेपी के पास थी जिसे कांग्रेस ने उपचुनाव में जीत लिया है।तीनों सीटें जीतने से हरीश रावत की सरकार को भी स्थिरता मिली है। अब 70 विधायकों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 35 विधायक हो गए हैं। एक एंग्लो इंडियन विधायक के सहारे कांग्रेस अकेले 36 के बहुमत का आंकड़ा पा रही है। वहीं अब बीजेपी के विधायकों की संख्या घटकर 28 रह गई है। लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी राज्य में सरकार गिराने और खुद सरकार बनाने के दावे कर रही थी लेकिन अब उपचुनाव के नतीजों ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के 32 और बीजेपी के 31 विधायक थे।
गौर करने योग्य यह भी  है कि मई में हुए लोकसभा चुनावों में डोईवाला विधानसभा में बीजेपी को कांग्रेस के मुकाबले करीब 28 हजार वोट ज्यादा मिले थे जबकि सोमेश्वर में बीजेपी 10 हजार वोटों से आगे रही थी। सिर्फ धारचूला विधानसभा में भी कांग्रेस को 2500 वोट ज्यादा मिले थे। लेकिन उपचुनावों में तस्वीर पूरी तरह से पलट गई। लोकसभा चुनावों की तुलना में उपचुनावों में डोईवाला में बीजेपी को करीब 34 हजार, सोमेश्वर में 20 हजार और धारचूला में 18 हजार वोटों का नुकसान हुआ है। महज दो महीनों में वोटों में आई गिरावट को मोदी की लोकप्रियता में कमी और प्रदेश बीजेपी में बढ़ रही गुटबाजी से जोड़ा जा रहा है।

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