Friday, 13 September 2013

सभी दोषियों को फांसी की सजा

1200 पन्नों की चार्जशीट, 86 गवाहियां और 243 दिनों की सुनवाई के बाद आखिरकार वह फैसला आ गया जिसका इंतजार पूरे देश को था। ज्योति के हत्यारे चारों दरिंदों मुकेश शर्मा, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को दिल्ली की साकेत अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने मामले को 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' श्रेणी में रखते हुए यह फैसला सुनाया। साकेत स्थित फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज योगेश खन्ना ने चारों आरोपियों को फांसी की सजा का ऐलान करते हुए कहा कि इस घटना को रेयरेस्ट आफ द रेयर की श्रेणी में रखा जाना जरूरी है लिहाजा सभी चार दोषियों को फांसी की सजा दे दी गई।
जिन दोषियों को मृत्युदंड सुनाया गया उनके नाम हैं मुकेश, पवन, विनय और अक्षय। इस मामले में एक नाबालिग को हाल ही में बाल न्यायालय ने तीन साल की सजा सुनाई थी। एक अन्य आरोपी राम सिंह कुछ समय पहले जेल में ही आत्महत्या कर चुका है। अदालत ने इस मामले के चारों अभियुक्तों को हत्या और बलात्कार का दोषी करार दिया था। उन्हें दी जाने वाली सजा के बारे में अदालत में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने अभियुक्तों के साथ रियायत बरतने की अपील की जबकि अभियोजन पक्ष ने उनके अपराध को जघन्यतम श्रेणी का करार देते हुए फांसी की सजा देने की मांग की थी। 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में एक युवती के साथ जघन्य गैंगरेप के इन सभी चारों अभियुक्तों अक्षय, विनय, पवन और मुकेश को रिकार्ड नौ महीने के भीतर ये सजा सुनाई गई है। सजा के ऐलान के बाद कोर्ट के भीतर सभी मुल्जिम रोने लगे। हालांकि चारों दोषियों के सजा के ऐलान पर पीड़िता के परिवार ने प्रशासन, पुलिस और अदालत को धन्यवाद दिया है।

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