'झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में…' जैसे मशहूर गाने और बॉलीवुड में कई बड़ी और सुपरहिट देने वाली हिंदी सिनेजगत की जानी-मानी अदाकारा साधना का आज निधन हो गया। उन्होनें हिंदुजा अस्पताल में सुबह ली आखिरी सांस ली। उनके एक पारिवारिक मित्र ने बताया कि वह अर्से से कैंसर से जूझ रही थीं। साधना (74) के परिवार में एक गोद ली हुई बेटी है।साधना का जन्म 2 सितंबर 1941 को पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में हुआ था। साधना की शादी जाने-माने फिल्म निर्देशक रामकृष्ण नैयर से हुई थी।
उन्होंने 'आरज़ू', 'मेरे मेहबूब', 'लव इन शिमला', 'मेरा साया', 'वक़्त', 'आप आए बहार आई', 'वो कौन थी', 'राजकुमार', 'असली नकली', 'हम दोनों' जैसी कई मशहूर हिंदी फ़िल्मों में काम किया था. साधना का पूरा नाम साधना शिवदासानी था. उनके नाम पर 'साधना कट' हेयरस्टाइल बेहद मशहूर हुआ था. फिल्म ‘लव इन शिमला’ से ही साधना के हेयर स्टाइल ने खूब चर्चा बटोरी थी। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान साधना और रामकृष्ण नैयर को एक दूसरे से मोहब्बत हुई और दोनों ने 7 मार्च 1966 को शादी कर ली।
साधना फिल्म से जुड़े कार्यक्रमों में शरीक होना पसंद नहीं था। करीना कपूर की मां बबिता साधना की चचेरी बहन थीं। साधना ने फिल्म में मेरा साया, राजकुमार, वो कौन थी समेत करीब 35 फिल्मों में अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरा था। साधना के साथ फ़िल्म 'एक फूल दो माली' और 'इंतकाम' में काम कर चुके अभिनेता संजय ख़ान कहते हैं, ''मैंने उनके साथ अपनी दो सबसे कामयाब फ़िल्में की थीं. वो बेहद ख़ूबसूरत थीं. बहुत सुंदर तरीके से चलती थीं. उन्हें हेयर स्टाइलिंग की इतनी समझ थी की एक बार उन्होनें मुझे एक नया हेयर स्टाइल दिया था.'' उन्होंने कहा, ''साधना के पति आरके नैय्यर मेरे करीबी मित्र थे. मुझे याद है कि साधना जितनी ख़ूबसूरत थी उतनी ही साफ़ दिल की थीं.'' संजय ख़ान ने कहा, ''मैं उनसे मिलने नहीं गया क्योंकि मुझे मालूम था कि वो ठीक नहीं हैं. उन्हें दावत देने की मेरी ख़्वाहिश अधूरी रह गई. मैं उन्हें बीमार नहीं देखना चाहता था. बहुत दुख है.'' अभिनेत्री आशा पारेख के मुताबिक़, ''पिछले हफ़्ते ही हम मिले थे और हमारी पार्टियां होती थीं, जिनमें हम बीते ज़माने की एक्ट्रेसेज़– हेलेन, वहीदा रहमान, शम्मी आंटी और कई लोग मिलते थे. उनकी तबियत पहले से ख़राब थी और पांच-छह कोर्ट केस भी चल रहे थे, जिनके चलते वह परेशान थीं. उन्होंने कभी अपना दुख हमसे साझा नहीं किया.'' आशा पारेख कहती हैं, ''वह बहुत पॉपुलर थीं और उसका 'साधना कट' मुझे आज भी याद है. हम उनके घर ही जा रहे हैं.
उन्होंने 'आरज़ू', 'मेरे मेहबूब', 'लव इन शिमला', 'मेरा साया', 'वक़्त', 'आप आए बहार आई', 'वो कौन थी', 'राजकुमार', 'असली नकली', 'हम दोनों' जैसी कई मशहूर हिंदी फ़िल्मों में काम किया था. साधना का पूरा नाम साधना शिवदासानी था. उनके नाम पर 'साधना कट' हेयरस्टाइल बेहद मशहूर हुआ था. फिल्म ‘लव इन शिमला’ से ही साधना के हेयर स्टाइल ने खूब चर्चा बटोरी थी। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान साधना और रामकृष्ण नैयर को एक दूसरे से मोहब्बत हुई और दोनों ने 7 मार्च 1966 को शादी कर ली।
साधना फिल्म से जुड़े कार्यक्रमों में शरीक होना पसंद नहीं था। करीना कपूर की मां बबिता साधना की चचेरी बहन थीं। साधना ने फिल्म में मेरा साया, राजकुमार, वो कौन थी समेत करीब 35 फिल्मों में अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरा था। साधना के साथ फ़िल्म 'एक फूल दो माली' और 'इंतकाम' में काम कर चुके अभिनेता संजय ख़ान कहते हैं, ''मैंने उनके साथ अपनी दो सबसे कामयाब फ़िल्में की थीं. वो बेहद ख़ूबसूरत थीं. बहुत सुंदर तरीके से चलती थीं. उन्हें हेयर स्टाइलिंग की इतनी समझ थी की एक बार उन्होनें मुझे एक नया हेयर स्टाइल दिया था.'' उन्होंने कहा, ''साधना के पति आरके नैय्यर मेरे करीबी मित्र थे. मुझे याद है कि साधना जितनी ख़ूबसूरत थी उतनी ही साफ़ दिल की थीं.'' संजय ख़ान ने कहा, ''मैं उनसे मिलने नहीं गया क्योंकि मुझे मालूम था कि वो ठीक नहीं हैं. उन्हें दावत देने की मेरी ख़्वाहिश अधूरी रह गई. मैं उन्हें बीमार नहीं देखना चाहता था. बहुत दुख है.'' अभिनेत्री आशा पारेख के मुताबिक़, ''पिछले हफ़्ते ही हम मिले थे और हमारी पार्टियां होती थीं, जिनमें हम बीते ज़माने की एक्ट्रेसेज़– हेलेन, वहीदा रहमान, शम्मी आंटी और कई लोग मिलते थे. उनकी तबियत पहले से ख़राब थी और पांच-छह कोर्ट केस भी चल रहे थे, जिनके चलते वह परेशान थीं. उन्होंने कभी अपना दुख हमसे साझा नहीं किया.'' आशा पारेख कहती हैं, ''वह बहुत पॉपुलर थीं और उसका 'साधना कट' मुझे आज भी याद है. हम उनके घर ही जा रहे हैं.
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